वेकोलि ठेकेदार एसोसिएशन ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 20 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. जिससे वेकोलि की 6 क्षेत्रों में कोयला परिवहन, पर्यावरण रक्षा तथा वाहनों की आवाजाही जैसे कार्य बुरी तरह से प्रभावित होने की आशंका है. पत्रपरिषद में एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश सिंह तथा अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि एसोसिएशन की विभिन्न मांगों को लेकर पदाधिकारियों की प्रशासन के साथ वेकोलि मुख्यालय नागपुर में अगस्त माह में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. बैठक में वेकोलि प्रशासन ने ठेकेदारों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया था. किंतु सिर्फ जीएसटी की एक मांग को छोड़कर अन्य मांगों को दरकिनार कर दिया गया. जिससे एसोसिएशन को अब मजबूरन बेमियादी हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है.
कई मांगों पर अब तक निर्णय नहीं
उन्होंने बताया कि कई मांगों पर अब तक निर्णय नहीं लिया गया है. ठेकेदारों के यहां कार्यरत श्रमिकों का प्रोविडंट फंड का एक अंशदान नियमों के अनुसार वेकोलि के प्रशासन को भरना जरूरी होता है. किंतु वेकोलि प्रशासन यह अंशदान देने में आनाकानी कर रहा है. प्रशासन अंशदान का यह हिस्सा भी ठेकेदारों द्वारा अपने मुनाफे में से जमा करने के लिए दबाव डाल रहा है. श्रमिकों के संदर्भ में सभी आवश्यक जानकारी संबंधित ठेकेदारों द्वारा वेकोलि के पोर्टल पर अपलोड की जाती है. बावजूद इसके वेकोलि प्रशासन ठेकेदारों पर श्रमिकों का एलपीसी पेश करने के लिए बाध्य कर रहा है, जबकि ऐसी कोई प्रक्रिया रेलवे, लोकनिर्माण विभाग, जिला परिषद, एनआईटी जैसे आर्गनाइजेशन में अनिवार्य नहीं है. इसी तरह से श्रमिकों के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली भी ठेकेदारों के लिए अनिवार्य की गई है, जो न केवल तकलीफदेह है, बल्कि समय की बर्बादी भी है.
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी ही कई अन्य मांगें हैं, जिसके लिए एसोसिएशन निरंतर वेकोलि प्रशासन से संपर्क में है. लेकिन प्रशासन मांगों को स्वीकार करने में कोताही बरत रहा है. वेकोलि प्रशासन की यह सारी अन्यायपूर्ण नीतियों के चलते ठेकेदारों से अधिक श्रमिकों पर ही अन्याय हो रहा है. प्रशासन श्रमिकों का अधिकार छीनने का प्रयास कर रही है. गलत नीतियों के चलते ठेकेदार भी श्रमिकों को पिछले डेढ़ वर्ष से काम देने में अक्षम साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि 20 अक्टूबर से शुरू हो रही हड़ताल से वेकोलि के चंद्रपुर, बल्लारपुर, वणी, वणी नार्थ, माजरी क्षेत्र समेत सेंट्रल वर्कशाप ताडाली में कई ठेकेदारी कार्य ठप होने की स्थिति बनी है. पत्रपरिषद में राहुल त्रिपाठी, घनश्याम चतुर्वेदी, मनोज सिंह, उमाशंकर सिंह, कमलेश शुक्ला, संजय सिंह, बीरबहादुर सिंह, राकेश सिंह, घनश्याम सिंह, संजय दमाये प्रमुखता से मौजूद थे.
(नवभारत वृत्त)
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