नागपुर - दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा दि. 26 दिसंबर 2018 से 4 जनवरी 2019 आयोजित भित्तिचित्र कार्यशाला अंतर्गत 26 दिसंबर से कार्य प्रारंभ किया गया है। कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन 26 दिसंबर को केंद्र के उपनिदेशक श्री. मोहन पारखी के शुभहस्ते, कार्यक्रम अधिकारी गोपाल बेतावर एवं केंद्र के कर्मचारीयों के उपस्थिति में हुआ।
इस कार्यशाला में केंद्र के सहभागी राज्यों के आदिवासी कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। जिसमे प्रमुखतः से छत्तीसगढ़ के रजवाड आदिवासी शैली, मध्यप्रदेश की माडिया आदिवासी शैली तथा मंडला आदिवासी शैली, झबुआ की भिल आदिवासी शैली, महाराष्ट्र की वारली आदिवासी शैली आदी कला शैली के कुल 40 कलाकारों द्वारा केंद्र परिसर में स्थायी रूप में निर्मित आदिवासी झोंपड़ी का दुरुस्तीकरण, रंगरंगोटी तथा म्यूरल पेंटिंग आदि नवीनीकरण कार्य आरंभ किया जा रहा है।
केंद्र द्वारा यह सूचित किया जाता है की, नागपुर स्थित कलारसिक इस कार्यशाला में सहभागी होकर इन आदिवासी कलाकारों के साथ में चित्रांकन तथा शिल्पांकन कार्य कर अपना सहयोग दे सकते हैं।यह कार्यशाला पूर्णतः निशुल्क होगी। भारतवर्ष के विविध राज्यों की आदिवासी शिल्पकला, चित्रकला का प्रचार एवं प्रसार तथा युवा पीढ़ी को इस कलाशैली से अवगत कराना यही इस कार्यशाला का उद्देश्य है। कार्यशाला 26 दिसंबर 2018 से 4 जनवरी 2019 के बिच प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक शुरू रहेगी।
इस विषय में अधिक जानकारी हेतु द.म.क्षे.सां. केंद्र के कार्यक्रम अधिकारी ( दृश्य कला प्रभारी ) श्री. गोपाल बेतावर मोब. नं. 9822230810, 9834830791 इनसे संपर्क करें।