সংবাদ শিরোনাম
লোডিং...
Menu

Monday, March 03, 2014

1804 का ऐतिहासिक सिक्का मिला


माना जाता था कि सिख समाज के संस्थापक गुरूनानक देव जीवती तहसील के नानकपठार गांव में आए थे. इसका कोई ठोस प्रमाण न होने से बावजूद पंजाबी समाज में नानक पठार गांव के प्रति काफी श्रध्दा है. लेकिन दो दिन पूर्व इस गांव में 1804 का ऐतिहासिक सिक्का मिला. जिसने यहां गुरूनानक देव के आने की पुष्टि कर दी है. इससे क्षेत्र का पंजाबी समाज उत्साहित है और वह 12 मार्च को गांव में एक बड.ा समारोह आयोजित करके इस सिक्के को सबके दर्शनों के लिए रखेगा. 

नानकपठार गांव जीवती तहसील में ऐतिहासिक माणिकगढ. किले के पास बसा है. इतिहास के मुताबिक यहां गोंडा राजा का साम्राज्य था. कहा जाता है कि धर्म का प्रचार-प्रसार करते हुए गुरू नाननदेव नानकपठार आए थे. जहां वे कुछ दिन रूके भी थे. लेकिन यह गांव काफी वर्षोँ तक उपेक्षित ही रहा है. इसके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए परिसर के सिख बंधुओं ने नानक पठार साहब के प्रचार हेतु 2010 में यहां एक संस्था की स्थापना की है. जिसे गुरुद्वारा नानकपठार साहब चैरिटेबल ट्रस्ट नाम दिया गया है. इस संस्था के माध्यम से गांव में गुरूमन विद्यालय नाम से स्कूल चलाई जाती है. जहां विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा, गणवेश व भोजन उपलब्ध कराया जाता है. 

अब तक यह मान्यता थी कि गुरूनाक देव इस गांव में आए थे. किन्तु इस बात की पुष्टि नहीं हुई थी. लेकिन गुरुद्वारा नानकपठार साहब चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि उन्हे शुक्रवार को नानकपठार में सन 1804 का सिक्का मिला है. जो नानकदेव के यहां आने की पुष्टि करता है.
यह सिक्का ऐतिहासिक व बेशकीमती है. इस वजह से 12 मार्च को समारोह का आयोजन करके इस सिक्के का दर्शन श्रध्दालुओं को कराने की जानकारी ट्रस्ट के अध्यक्ष जुंझार सिंह, उनके सहयोगी परमिंदरसिंह, चरणजीत सिंह, तेजीन्दर सिंह, आशा सिंह, बलराज सिंह, सतनाम सिंह आदि ने दी.

শেয়ার করুন

Author:

Etiam at libero iaculis, mollis justo non, blandit augue. Vestibulum sit amet sodales est, a lacinia ex. Suspendisse vel enim sagittis, volutpat sem eget, condimentum sem.