नागपुर। मेयो अस्पताल चौक में एक युवक की अज्ञात आरोपी ने गला
चीरकर हत्या कर दी। मृतक का नाम आरिफ बताया गया है। गणेशपेठ के
थानेदार सुधीर नंदनवार ने बताया कि मृतक आरिफ का पूरा नाम नहीं मिल
पाया है। वह आस-पास की दुकानों में काम कर अपना उदर निर्वाह कर रहा
था। संभवत: वह मध्यप्रदेश का निवासी होगा। घटना बुधवार की शाम हुई।
सूत्रों के अनुसार बुधवार की शाम करीब 6.45 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष
को किसी ने सूचना दी कि मेयो अस्पताल चौक पर सड़क किनारे एक युवक
खून से लथपथ पड़ा है। कुछ समय बाद गणेशपेठ के थानेदार सुधीर नंदनवार
सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस के पहुंचने से पहले वहां
भीड़ जुट गई थी। पुलिस को मृतक का पूरा नाम नहीं मिल पाया, योंकि वह
यहां की दुकानों में काम करके रात फुटपाथ पर सोकर गुजर बसर करता था।
किसी ने बताया कि उसका नाम आरिफ है। वह कुछ समय पहले नागपुर
आया। नागपुर आने के बाद वह मेयो अस्पताल चौक के पास एक शराब की
दुकान में कुछ समय तक काम किया। उसे इसी दुकान से शराब पीने की
आदत लग गई। उसके बाद उसकी कुछ शराबियों से दोस्ती हो गई। आरिफ
पहले जिस शराब की दुकान में काम करता था। उसी दुकान में जाकर गला
तर करने लगा। सूत्रों की मानें तो शराब की दुकान से नौकरी छोडऩे के बाद
आरिफ ने होटल, दवा की दुकानों में भी काम किया। वह शराब का सेवन
अधिक करने लगा, जिससे उसकी नौकरी छूट गई। इस गम में वह शराब
पीने के लिए नए दोस्त तलाशता था। उसकी इस नए दोस्त की तलाश ने
उससे उसकी जिंदगी छीन ली।
चीरकर हत्या कर दी। मृतक का नाम आरिफ बताया गया है। गणेशपेठ के
थानेदार सुधीर नंदनवार ने बताया कि मृतक आरिफ का पूरा नाम नहीं मिल
पाया है। वह आस-पास की दुकानों में काम कर अपना उदर निर्वाह कर रहा
था। संभवत: वह मध्यप्रदेश का निवासी होगा। घटना बुधवार की शाम हुई।
सूत्रों के अनुसार बुधवार की शाम करीब 6.45 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष
को किसी ने सूचना दी कि मेयो अस्पताल चौक पर सड़क किनारे एक युवक
खून से लथपथ पड़ा है। कुछ समय बाद गणेशपेठ के थानेदार सुधीर नंदनवार
सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस के पहुंचने से पहले वहां
भीड़ जुट गई थी। पुलिस को मृतक का पूरा नाम नहीं मिल पाया, योंकि वह
यहां की दुकानों में काम करके रात फुटपाथ पर सोकर गुजर बसर करता था।
किसी ने बताया कि उसका नाम आरिफ है। वह कुछ समय पहले नागपुर
आया। नागपुर आने के बाद वह मेयो अस्पताल चौक के पास एक शराब की
दुकान में कुछ समय तक काम किया। उसे इसी दुकान से शराब पीने की
आदत लग गई। उसके बाद उसकी कुछ शराबियों से दोस्ती हो गई। आरिफ
पहले जिस शराब की दुकान में काम करता था। उसी दुकान में जाकर गला
तर करने लगा। सूत्रों की मानें तो शराब की दुकान से नौकरी छोडऩे के बाद
आरिफ ने होटल, दवा की दुकानों में भी काम किया। वह शराब का सेवन
अधिक करने लगा, जिससे उसकी नौकरी छूट गई। इस गम में वह शराब
पीने के लिए नए दोस्त तलाशता था। उसकी इस नए दोस्त की तलाश ने
उससे उसकी जिंदगी छीन ली।