सचिन तेंदुलकर
जन्म: 24 अप्रैल 1973, मुम्बई) क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। सन् १९८९ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात् वे बल्लेबाजी में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। उन्होंने टेस्ट व एक दिवसीय क्रिकेट, दोनों में सर्वाधिक शतक अर्जित किये हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ है। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में १४००० से अधिक रन बनाने वाले वे विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। एकदिवसीय मैचों में भी उन्हें कुल सर्वाधिक रन बनाने का कीर्तिमान प्राप्त है। उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिये १४ वर्ष की उम्र में खेला। उनके अन्तर्राष्ट्रीय खेल जीवन की शुरुआत १९८९ में पाकिस्तान के खिलाफ कराची से हुई।
सचिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एकमात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वे सन् २००८ में पद्म विभूषण से भी पुरस्कृत किये जा चुके है। वे क्रिकेट जगत के सर्वाधिक प्रायोजित खिलाड़ी हैं और विश्वभर में उनके अनेक प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से लिटिल मास्टर व मास्टर ब्लास्टर कह कर बुलाते हैं। क्रिकेट के अलावा वे अपने ही नाम के एक सफल रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं।
राजापुर के मराठा परिवार में जन्मे सचिन का नाम उनके पिता रमेश तेंडुलकर ने उनके चहेते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा था। उनके बड़े भाई अजीत तेंडुलकर ने उन्हें खेलने के लिये प्रोत्साहित किया था। सचिन के एक भाई नितिन तेंडुलकर और एक बहन सवितई तेंडुलकर भी हैं। १९९५ में सचिन तेंडुलकर का विवाह अंजलि तेंडुलकर से हुआ। सचिन के दो बच्चे हैं - सारा व अर्जुन।
सचिन ने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की। वहीं पर उन्होंने प्रशिक्षक (कोच) रमाकांत अचरेकर के सान्निध्य में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया। तेज गेंदबाज बनने के लिये उन्होंने एम०आर०एफ० पेस फाउंडेशन के अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की। पर वहाँ तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा।
सचिन तेंदुलकर उभयहस्त हैं। वे गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दायें हाथ से करते हैं किंतु लिखते बाये हाथ से हैं। वे नियमित तौर पर बायें हाथ से गेंद फेंकने का अभ्यास करते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी उनके बेहतरीन संतुलन व नियंत्रण पर आधारित है। वे भारत की धीमी पिचों की बजाय वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की सख्त व तेज़ पिच पर खेलना ज्यादा पसंद करते हैं [1]। वे अपनी बल्लेबाजी की अनूठी पंच शैली के लिये भी जाने जाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रशिक्षक जॉन ब्यूकैनन का मानना है कि तेंदुलकर अपनी पारी की शुरुआत में शार्ट गेंद के ग्रहणशील हैं। उनका मानना यह भी है कि बायें हाथ की तेज गेंद तेंदुलकर की कमज़ोरी है [2] । अपने करियर के शुरुआत में सचिन की खेल शैली आक्रमणकारी हुआ करती थी। सन् २००४ से वे कई बार चोटग्रस्त रहे हैं। इस वजह से उनकी बल्लेबाजी की आक्रामकता में थोड़ी कमी आई है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ईयन चैपल का मानना है कि तेंदुलकर अब पहले जैसे खिलाड़ी नहीं रहे। किन्तु २००८ में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तेंदुलकर ने कई बार अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी का परिचय दिया।
तेंडुलकर नियमित गेंदबाज़ नहीं हैं। किन्तु वे मध्यम तेज, लेग स्पिन व ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी में प्रखर हैं। वे कई बार लम्बी देर से टिकी हुई बल्लेबाजों की जोडी को तोड़ने के लिये गेंदबाज़ के रूप में लाए जाते हैं। भारत की जीत पक्की कराने में अनेक बार उनकी गेंदबाज़ी का प्रमुख योगदान रहा है[3]।
पूरा नाम | सचिन तेंदुलकर | ||
जन्म | 24,अप्रैल 1973 | ||
बल्लेबाज़ी का तरीक़ा | दाये हाथ के बल्लेबाज | ||
गेंदबाज़ी का तरीक़ा | दाये हाथ का मध्यम गति और स्पिन के गेंदबाज़ | ||
टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट | ||
मुक़ाबले | १७१ | 442 | |
बनाये गये रन | १४०१७ | 17,598 | |
बल्लेबाज़ी औसत | 55.56 | 45.12 | |
100/50 | 51/54 | 49/94 | |
सर्वोच्च स्कोर | 248* | 200* | |
फेंकी गई गेंदें | 3,982 | 8,020 | |
विकेट | 44 | 154 | |
गेंदबाज़ी औसत | 52.22 | 44.26 | |
पारी में 5विकेट | 0 | 2 | |
मुक़ाबले में 10 विकेट | 0 | नहीं है | |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 3/10 | 5/32 | |
कैच/स्टम्पिंग | 104/- | 132/- |